विटामिन ई की कमी से होने वाली परेशानियां
विटामिन विटामिन ए इसका रासायनिक नाम टोकोफरोल है
Vitamin E की कमी से उत्पन्न परेशानियां
विटामिन इ की कमी से संतानोत्पादक शक्ति का हास होता है तथा मांसपेशियों का विकास भी नहीं हो पता
दृष्टि संबंधित समस्याएं होती हैं।
Vitamin E की खोज
विटामिन इ की खोज इवांस और बिशप ने सन् 1920 में की थी।
प्राप्ति के साधन
विटामिन ए लगभग सभी तरह के अनाजों में विशेष कर मक्का में अधिक पाया जाता है, यह अंकुर दाल बीजों में तथा अंकुरित तेलों में भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, तार तथा विनोद के तेल में भी पाया जाता है। यह हरी हरी पत्तेदार सब्जियां काजू में यकृत आदमी भी यह विटामिन उपस्थित रहता है। अंडे और दूध में यह बहुत कम पाया जाता है।
उपयोगिता
यह भिन्न-भिन्न व्यक्तियों में लिंग ,शारीरिक आवश्यकता अनुसार विटामिन इ आवश्यकता होती है सामान्य मनुष्य के लिए10 से 30 मिलीग्राम विटामिन ई की आवश्यकता होती है
गुण
यह जल में अघुलनशील होता है तथा वास में सफलतापूर्वक घुलनशील होता है, लोहे तथा जस्ते के बर्तन में पकने पर विटामिन इ नष्ट हो जाता है, इस पर अम्लीय प्रभाव नहीं पड़ता और ना ही उच्च तापीप्रभाव से प्रभावित होती है। जब विटामिन इ सूर्य के प्रकाशनिक करने के प्रभाव या संपर्क में आता है तब भी इसका विघटन हो जाता है,
कार्य
इसकी अनुपस्थि में शरीर का विकास नहीं होता, तथा वृद्धि रुक जाती है। इसके कारण मांसपेशियों का भी सही से विकास नहीं होपता
यह विटामिन बी कांप्लेक्स की भी सुरक्षा करता है हमारे शरीर में पाए जाने वाले कैरोटीन से विटामिन ए के परिवर्तन हेतु सहायक होता है।
Tags
Vitamin E