जनसंख्या विस्फोट किसे कहते हैं
मृत्यु दर में गिरावट किंतु जन्मदर में तेज वृद्धि के कारण किसी स्थान विषेश की जनसंख्या में होने वाली आकस्मिक ओर अप्रत्याशित वृद्धि जनसंख्या विस्फोट कहलाता है
भारत में जनसंख्या विस्फोट के कारण निम्नलिखित हैं-
कम आयु में विवाह या बाल विवाह (child marriage)
अनेक राज्यों जैसे मध्य प्रदेश राजस्थान आदि में बाल विवाह का प्रचलन है यद्यपि आज से कानूनी रूप से समाप्त कर दिया गया है, बाल विवाह जनसंख्या वृद्धि का मुख्य कारण है।
संयुक्त परिवार प्रणाली (joint family system)
संयुक्त परिवार प्रणाली में भी जनसंख्या वृद्धि का एक कारण है, संयुक्त परिवार में माता-पिता बच्चों को बोझ नहीं समझते संयुक्त परिवार में सभीखर्च संयुक्त कोष से होते हैं ,वह समझते हैं जहां इतने बच्चे खाना खा रहे है, वहां एक दो और हो जाएंगे तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा यही सोच जनसंख्या वृद्धि में सहायक है।
पुत्र का महत्व ( importance to son )
अगर परिवार में लड़कियां हो तो लड़के की चाहत में परिवार में वृद्धि होती जाती है, भारतीय समाज में हिंदू दर्शन के अनुसार पुत्र प्राप्ति से व्यक्ति पिता के रेट से मुक्त हो सकता है यह भी मानता है कि पुत्र ही वंश कानाम मैं लोग अनचाहे ही अनेक संतानों को जन्म देते हैं।
अशिक्षा (Illiteracy)
आज भारतवर्ष में 74.04% जनसंख्या ही शिक्षित है शिक्षा के कारण व्यक्ति परिवार नियोजन का महत्व नहीं समझते इस लिए अज्ञानवश संतान उत्पति होती रहती है।
अंधविश्वास( blind faith)
भारतीय समाज एक रूढ़िवादी समाज है अंधविश्वास अथवा रूढ़िवादिता के कारण ही बच्चों को भगवान एवं खुदा की देन माना जाता है अधिक बच्चों वाले माता-पिता को अधिक भाग्यशाली माना जाता है।
निम्न सामाजिक जीवन स्तर (low leaving standard)
निम्न जीवन स्तर जनसंख्या वृद्धि का कारण माना जाता है निम्न स्तर के व्यक्ति में मनोरंजन के साधनों के अभाव के कारण वह
यौन सुख को ही मनोरंजन का साधन मानते हैं और लगातार संतानों उत्पत्ति करते रहते हैं।
गर्म जलवायु (hot climate)
भारतवर्ष की जलवायु गम है जो जानन अंगूर तथा सहायक जनन अंगों को शीघ्र लौकिक रूप से परिपक्व बनाकर संतान उत्पत्ति के योग्य बना देती है।
संतति विरोध का अल्पज्ञान (lack of knowledge of offspring Retardation)
भारत की 75% जनसंख्या गांव में रहती है गांव में शिक्षा एवं परिवार नियोजन की सुविधाओं का अभाव संयुक्त परिवारप्रणाली संकोचीस्वभाव आदि संतति विरोध में बाधक है तथा जनसंख्या वृद्धि का प्रमुख कारण है।
विवाह की अनिवार्यता (compensation of marriage)
हिन्दुओं मैं विवाह एक अनिवार्य धार्मिक संस्कार है हिंदू परिवारों में ऐसी मान्यता है कि परिवार विवाह करने के बाद ही स्त्री और पुरुष पूर्ण बनते हैं तथा वंश वृद्धि के लिए संतानों उत्पत्ति करते हैं
निरक्षरता या अशिक्षा (Illiteracy)
आज भारतवर्ष में 74.04% जनसंख्या ही शिक्षित है। अशिक्षा के कारण व्यक्ति परिवार नियोजन का महत्त्व नहीं समझते तथा सन्तान नियन्त्रण का कोई प्रयास नहीं करते हैं। इसलिए अज्ञानतावश अनवरत् सन्तानोत्पत्ति होती रहती है।
जनसंख्या वृद्धि का नियन्त्रण (Control of Population Growth)
कोई भी देश मानव जनसंख्या की वृद्धि के रहते प्रगति नहीं कर सकता है। जनसंख्या विस्फोट के कारण प्राकृतिक संपदाओं की उपयोगित तथा खाद्य सामग्री की मांग बढ़ती है। जिससे देश में गरीबी बेरोजगारी बढ़ती है।अतः इस समस्या का वास्तविक समाधान केवल तभी संभव है जब हम जनसंख्या वृद्धि को सही ढंग से रोक सकेगें। अनेक उपायों से मृत्यु दर में तो भारी गिरावट आई है किन्तु जन्मदर में जब तक कमी नहीं आयेगी तब तक इस समस्या का समाधान नहीं हो सकेगा। मानव जनसंख्या नियन्त्रण करने के कुछ प्रमुख उपाय निम्नलिखित हैं-
शिक्षा द्वारा जनसंख्या नियन्त्रण
भारतवर्ष में आज भी बहुत सारे लोग अशिक्षित है। इसीलिए यहाँ पर अज्ञानता, फैली हुई है। धर्मान्धता व प्रचलित रूढ़ियों का बोलबाला है। मानव समाज को धर्मान्धता से मुक्ति दिलाना। जबतक लोग यह नहीं समझेंगे कि अधिक संताने पैदा करना असली मोक्ष नहीं है अपितु संतान का पालन पोषण करना है। असली मोक्ष है।
जनसंख्या वृद्धि से होने वाली हानियों का ज्ञान कराना
समाज को जनसंख्या वृद्धि व उससे होने वाली हानियों को सहीं ढंग से विस्तारपूर्वक समझाना चाहिए। लोगो को परिवार नियोजन के लिए जागरूक करना(c) परिवार नियोजन के महत्व को समझाना चाहिए आम जनता को बढ़ती जनसंख्या व उससे होने वाली परेशानियों की जानकारी देनी चाहिए और परिवार नियोजन अपनाने की सलाह देनी चाहिए ताकि लोग सहज ढंग से इसे अपनाकर जनसंख्या को नियन्त्रित कर सके।
छोटे या सीमित परिवार के महत्त्व को समझाना
आम जनता को कम सन्तान पैदा करने व उसके महत्त्व को समझाना चाहिए। शिक्षित माता-पिता अवश्य ही परिवार नियोजन के अनेक सुलभ उपाय करके अपना परिवार छोटा रखने के लिए सहमत हो जाते हैं। छोटे सीमित परिवार के लाभ निम्नलिखित हैं- (i) परिवार के प्रत्येक सदस्य को पर्याप्त, सन्तुलित एवं पोषक आहार मिलता है।
(ii) परिवार द्वारा अर्जित आय का वितरण प्रत्येक सदस्य पर अधिक होता है।
(iii) प्रत्येक परिवार को रहने के लिए स्वच्छ, हवादार एवं प्रकाशयुक्त आवास उपलब्ध होता है।
भारतवर्ष में जनसंख्या विस्फोट के दुष्परिणाम (Consequences of Population Explosion in India)
दिन-प्रतिदिन मानव आबादी का विस्तार या बढ़ती जनसंख्या एक विकराल रूप धारण करती जा रही है। बढ़ती आबादी से अनेक समस्याओं, जैसे- गन्दगी, रोग, भुखमरी तथा निर्धनता में वृद्धि हो रही है। भारतवर्ष में जनसंख्या विस्फोट के कुछ दुष्परिणाम निम्नलिखित
आर्थिक विकास में बाधा
जनसंख्या विस्फोट का सबसे बुरा एवं घातक प्रभाव राष्ट्र के विकास पर पड़ता है। भारतवर्ष में कृषि उत्पादन और औद्योगिक उत्पादन में वृद्धि होने पर भी आर्थिक विकास पिछड़ा हुआ है। जनसंख्या वृद्धि के कारण सरकार को भोजन, वस्त्र, शिक्षा, स्वास्थ्य की अतिरिक्त व्यवस्था करनी पड़ती है।
निर्धनता
जनसंख्या विस्फोट के कारण रोजगार के अवसर घट रहे हैं। आजीविका के साधन उपलब्ध न होने के कारण निर्धनता बढ़ती है तथा प्रतिव्यक्ति आय घट जाती है।
नागरिकों के जीवन स्तर में गिरावट
अत्यधिक मूल्यवृद्धि, निर्धनता और बेरोजगारी के कारण नागरिकों की क्रय शक्ति घट रही है। साधनों के अभाव में उनका जीवन स्तर नीचे गिर रहा है। भारतवर्ष में जनसंख्या विस्फोट के दूरगामी परिणाम निम्नलिखित हो सकते हैं-
(i) पीने योग्य पानी की भारी मात्रा में कमी हो जायेगी। (ii) खाद्यान्नों में कमी होगी जिससे भुखमरी या अकाल की अधिक सम्भावना हो जायेगी।
(iii) वायु, जल व मृदा का प्रदूषण अधिक बढ़ जायेगा। (iv) आवासीय सुविधा व पहनने
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What are the 10 causes of population growth#भारत में जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करने के उपाय