ब्लैक मैन प्रतिक्रिया।
प्रकाश संश्लेषण की इस क्रिया में प्रकाश की आवश्यकता नहीं होती है यह क्रिया कभी भी दिन अथवा रात में हो सकती है। है इस क्रिया का प्रमुख स्थान हरित लवक (क्लोरोप्लास्ट) की पीठीका या स्ट्रोमा है। इस क्रिया में कार्बनडाइऑक्साइड का अपचयन होकर शर्करा ग्लूकोस ,मंड,आदिका निर्माण होता है। इस क्रिया हेतु विकार (enzyme) पीठीका(stroma) में उपस्थित होते हैं। इस क्रिया में प्रकाश की आवश्यकता नही होती है। परंतु यह प्रकाश संश्लेषण की प्रकाश अभिक्रिया के उत्पादो पर निर्भर रहती है।कार्बन डाइऑक्साइड के अपचयन के लिए आवश्यक ऊर्जा प्रकाश अभिक्रिया में उत्पाद ATP एवं NADPH2 से प्राप्त होती है। निम्नवत समीकरण द्वारा अप्रकाशिक अभिक्रिया का संछिप्त प्रदर्शन किया जाता है---- CO₂ +12 NADPH +12 H* +2 ATP -----C6H1206 +12 NADP* +18 ADP+18 iP+6H₂O. प्रकाश प्रकाश संश्लेषण की अप्रकाशिक निम्नवत दो विधियों से हो सकती है--- (1)C3 चक्र या (calvin-Benson Cycle) (2)C4 चक्र या (Hatch and Slack Cycle). C3 चक्र या(calvin-Bensen or c3-Cycle). इस अभिक्रियाा को C3 यार आप प्रकाशित अभिक्रिया कहतेेेे हैं कार्बन डाई ऑक्साइड क ग्लूकोस शर्करा में अपचयन काााविस्तृततत अध्ययन तीन अमेरिकन वैज्ञानिकों मेल्विन केल्विन जेम्सस बासहैंम तथा एंड्रयू बेंसन ने किया । उपर्युक्त उपरोक्तत प्रयोगके आधार पर यह विदित हुआ कि कार्बन डाइऑक्साइड को सबसेे पहले ग्रहण करनेेेे वाला पदार्थ एक पांच कार्बन यौगिक rebulous 1,5 biphosphate होता है। इस अभिक्रिया के फलस्वरूप पहले प्रकाश संश्लेषण में निर्मित स्थिर यौगिक 3- फास्फोगिलसरिक अम्ल के रूप में पहचान गया। अप्रकाशिक अभिक्रिया में कार्बन डाइऑक्साइड के प्रवेश से पूर्व rebulous-1, 5बाईफास्फेट निर्मित होताा है। 6Ribulose-5-phosphate+6ATP--------