ड्रोन का आविष्कार कैसे हुआ,ड्रोन के इतिहास की एक इंटरेस्टिंग कहानी है।

 ड्रोन का आविष्कार कैसे हुआ,ड्रोन के इतिहास की एक इंटरेस्टिंग कहानी है।

ड्रोन एक  मानव रहित विमान है जिसे व्यक्ति कंट्रोल कर सकता है तथा इसका उपयोग दुर्गम स्थानों में राहत सामग्री  को पहुंचने में किया जाता है।

  
Environment and Development

ड्रोन का इतिहास 

 आज से 172 साल पहले ड्रोन की परिकल्पना हो चुकी थी,1849  में युद्ध के दौरान ऑस्ट्रियांन सोल्जर दुश्मन के ऊपर बलून में बम भरकर हमला कर रहे थे इस से यह साबित होता है कि दुनिया का सबसे पहला dron एक बलून था।


 जिसमें बम भरा था लेकिन ऑस्ट्रियांन सोल्जर का ये आइडिया भी फेल हो गया क्यों कि  कुछ बलून उनके ही कैंप में गिर गए जिससे उनका भी नुकसान हुआ।

 1903 में राइट ब्रदर्स  के इनवर्टर एयरक्राफ्ट के सफल परीक्षण के कुछ साल great Britain ने दुनिया का सबसे पहला पायलट लेस एयर क्राप्ट बनाया  जिसका नाम Rustam proctor aircrapt  रखा गया इस ड्रोन का डिजाइन निकोल टेस्ला के डिजाइन के आधार पर बनाया गया था,उस समय ड्रोन या मानव रहित विमान बनाने का एक ही मकसद था दुश्मन के ऊपर बम फेकना तथा दुश्मन के ठिकानों को नष्ट करना कई बार प्रयासों के बाद भी इनका सफल परीक्षण ना हो सका जिसके कारण ब्रिटिश army ने इन्हें रद्द कर दिया। लेकिन ड्रोन की कहानी है अभी खत्म नहीं हुई।

 

इसके 1 साल बाद अमेरिका ने इसी तरह का ड्रोन बनाया और सफलता प्राप्त की जिसे अमेरिकन आर्मी के के साथ सफल परीक्षण किया गया गया। इसके बाद USA army ने बड़े ड्रोन बनाने  का ऑर्डर दिया। बहुत मेहनत के बाद एक ड्रोन बनाया गया  जिसका नाम kittring bug रखा गया यह ड्रोन 19वीं सादी का सबसे बड़ा ड्रोन था। उस समय का सबसे बड़ा ड्रोन  होने के साथ इसका काम दुश्मनों के ऊपर बमबारी करना तथा उनके इलाके को नष्ट करना था।यह मानव रहित विमान या ड्रोन था, जब यह बन कर तैयार हुआ तो वार्ड वार 1 समाप्त हो गया था।

अमेरिका ने अपने 3stranded air crapt को  ड्रोन में कानवट  करके  प्रयोग करना शुरू कर दिया।

1929 में

यूनाइटेड किंगडॉम ने एक ऐसा ड्रोन बनाया जो एक मिसाइल की तरह काम करता था और war ship से भी लॉन्च हो सकता तथा ,यह प्रोजेक्ट इतना सैक्सफुल रह कि 1931 में ब्रिटेन ने पानी वाल air crapt को redio कंट्रोल एयर क्राप्ट में कॉन्वेंट कर दिया। इस redio कंट्रोल एयर क्राप्ट की सफलता के बाद सन् 1935 में कई तरह के raidio control target बनाए गए जिसका नाम DH.82B queen bee नाम रखा गया।


सन 1936 में USA के head of the research team ने पायलेटलेस एयरक्राफ्ट को ड्रोन नाम दिया ड्रोन नाम मेल bee से प्रेरित होकर दिया गया। क्यों कि मेल bee को dron कहते है। 



ड्रोन कितने प्रकार के होते है।
सरल भाषा में बात करे तो ड्रोन दो प्रकार के होते है।

सामान्य ड्रोन 

सामान्य ड्रोन जिनका उपयोग हर कोई कर सकता है ।ये  ड्रोन फोटो वीडियो कैप्चर करने के लिए होता है। भारत में साधारणता इनका उपयोग वीडियो बनाने तथा फसल में कीटनाशक का छिड़काव करने के लिए होता है। 


सरल भाषातो बात कीजाए तो दूसरे नंबर पर  वे ड्रोन आते हैं जो आर्मी के पास होते हैं तथा इनका उपयोग केवल आर्मी ही कर सकती है। इनका उपयोग देश की सुरक्षा व्यवस्था को बनाए रखने के लिए किया जाता है। यह लड़ाकू विमान की तरह कार्य करते हैं, इनका उपयोग बम गिराने मिसाइल से दुश्मन के bankro को नष्ट करने में किया जाता है।

अब हम बात करेंगे की कौन से देश के पास सबसे ज्यादा ड्रोन है।

संयुक्त राज्य अमेरिका के पास 13000 ड्रोन है।

भारत में इसका उपयोग 

भारत में इसका उपयोग 2020 में कोरोना कल के दौरान राहत सामग्रीय पहुचने में हुआ था।

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