जगत प्रोटिस्टा (KINGDOM PROTISTA)
'प्रोटिस्टा' शब्द की उत्पत्ति ग्रीक भाषा के शब्द प्रोटिस्टोज (Protistos) से हुई, जिसका अर्थ प्रारम्भिक होता है। इस जगत के अन्तर्गत पृथ्वी के सभी प्रथम एककोशिकीय यूकैरियोट्स को शामिल किया गया हैं ये जन्तु व पादप (कुछ शैवाल एवं कवक के अतिरिक्त) एवं स्वपोषी तथा परपोषी दोनों प्रकार के होते हैं। यह एक छोटा प्राकृतिक समूह (least natural group) है, जो अति विवादास्पद समूह के रूप में जाना जाता है। इसीलिए इस जगत को वर्गीकरण का कूड़ेदान (dustbin of classification) कहा जाता है। विकास की दृष्टि से यह समूह मोनेरा से अधिक विकसित माना गया है।
प्रोटिस्टा जगत के 5 लक्षण
1. प्रोटिस्टा जगत के 5 लक्षण जगत प्रोटिस्टा के सभी जीव नम स्थानों या जल में पाये जाते हैं।
2.कोशिका के अन्दर झिल्ली से घिरे कोशिकांग, जैसे- माइटोकॉण्ड्यिा (mitochondria), गॉल्जीकाय (golgi body), प्लास्टिङ, रिक्तिका, लाइसोसोम्स एवं राइबोसोम्स पाये जाते हैं। जीवों में सेन्ट्रोसोम्स भी पाये जाते हैं। जीवों में दोहरी एवं छिद्रित झिल्ली युक्त केन्द्रक तथा अन्तः द्रव्यी जालिका (endoplasmic reticulum) भी पायी जाती है।
3.कुछ जीव अचल होते है किन्तु कुछ में गति हेतु रोमाभ या पक्ष्माभ (cilia), कशाभ या कशाभिका (flagella) अथवा पादाभ या कूटपाद (pseudopodia) उपस्थित होते हैं।
4.ये प्रकाश-संश्लेषी, पादपसमपोषी, मृतोपजीवी, परजीवी तथा सहजीवी हो सकते हैं। जल में तैरने वाले प्रकाश-संश्लेषी प्रोटिस्टा को सामूहिक रूप से फाइटोप्लैंक्टोन कहते हैं। जल में मुक्त रूप से तैरने वाले प्राणीसम प्रोटोजोऑन्स सामूहिक रूप से जूप्लैंक्टोन कहलाते हैं।
5.प्रोटिस्टा जगत में जनन किस प्रकार का होता है.इनमें प्रजनन अलैगिक (asexual) व लैंगिक (sexual) दोनों प्रकार का होता है-
(i) अलैंगिक जनन (Asexual reproduction) : सामान्य प्रक्रिया द्वारा अलैंगिक प्रजनन होता है।
(ii) लैंगिक जनन (Sexual reproduction) : इस प्रकार का प्रजनन सर्वप्रथम जगत प्रोटिस्टा में ही पाया गया।
जगत प्रोटिस्टा का वर्गीकरण (CLASSIFICATION OF KINGDOM PROTISTA)
जगत प्रोटिस्टा के जीवधारियों को मुख्यतः निम्न तीन समूहों में जगत प्रोटिस्टा का वर्गीकरण वर्गीकृत किया गया है-
1. प्रकाश-संश्लेषी या पादपसम प्रोटिस्ट्स
2.कवकसम या उपभोक्त श्लेष्म कवककवकसम
3.प्रोटिस्ट,प्रोटोजोवा