खनिज तथा ऊर्जा संसाधन पाठ 5 (सामाजिक विज्ञान) importent question & Answer

 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न 


प्रश्न 1. देश में लिग्नाइट का सर्वप्रमुख क्षेत्र कौन-सा और कहाँ है? 

उत्तर - तमिलनाडु का नेवेली क्षेत्र। 

प्रश्न 2. चूना पत्थर किस प्रकार बनता है?

 उत्तर - कैल्सियम कार्बोनट और मैग्नीशियम कार्बोनेट से मिलकर।

प्रश्न 3. भारत में तेल संभावित क्षेत्र का विस्तार कितना है?

 उत्तर- तेल का संभावित क्षेत्र 10 लाख वर्ग किलोमीटर से भी अधिक है। 

प्रश्न 4. स्वाधीनता प्राप्ति से पहले भारत में खनिज तेल का एकमात्र उत्पादक राज्य कौन-सा था? 

उत्तर- असम । 

प्रश्न 5. भारत में विद्युत की कुल उत्पादन क्षमता कितनी है? 

उत्तर- 104917 मेगावॉट । 

प्रश्न 6. चॉम्बे (मुंबई) हाई क्यों प्रसिद्ध है? 

उत्तर- बॉम्बे हाई देश का सबसे बड़ा और महत्त्वपूर्ण खनिज तेल उत्पादक क्षेत्र है। 

प्रश्न 7. भारत में ऊर्जा के तीन वर्गीय स्त्रोत कौन-कौन से हैं?

 उत्तर - तापीय स्रोत, जल परमाणु स्रोत। 

प्रश्न 8. खनिज तेल के नवीनतम भंडारों की खोज किन अपतट क्षेत्रों में हुई है? 

उत्तर - गोदावरी, कृष्णा, कावेरी तथा महानदी के डेल्टा तटों के पास। 

प्रश्न 9. परमाणु ऊर्जा के दो प्रमुख खनिज कौन-से हैं? 

उत्तर- 9. यूरेनियम, . थोरियम। 

प्रश्न 10. भारत में यूरेनियम किन दो राज्यों में पाया जाता है?

 उत्तर- 1. झारखण्ड, 2. राजस्थान। 

प्रश्न 11. थोरियम का प्रमुख स्त्रोत क्या है और कहाँ पाया जाता है? 

उत्तर - थोरियम का प्रमुख स्रोत मोनोजाइट बालू है, इसके केरल में भंडार पाए जाते हैं। 

प्रश्न 12. भारत के छः परमाणु केंद्रों के नाम बताइए। उनमें से प्रत्येक किस राज्य में स्थित है? 

उत्तर- 1. तारापुर (महाराष्ट्र), 2. रावतभाटा (राजस्थान), 3. कलपक्कम (तमिलनाडु), 4. नरोरा (उत्तर प्रदेश), काकरापारों (गुजरात) तथा कैगा (कर्नाटक)।  

प्रश्न 13. उस खनिज का नाम बताइए जिससे मुख्यतः एलूमीनियम प्राप्त किया जाता है। 

उत्तर- बॉक्साइट। 

प्रश्न 14. भारत में सबसे बड़ा सौर ऊर्जा संयंत्र कहाँ स्थित है? 

उत्तर- माधापुर (गुजरात) प्रश्न 

15. भारत में ऊर्जा का सर्वप्रमुख स्त्रोत क्या है? 

उत्तर - कोयला। 

प्रश्न 16. भारत में परमाणु ऊर्जा के दो केन्द्रों के नाम का उल्लेख कीजिए। 

उत्तर- (i) ट्राम्बे और (ii) नरौरा। प्रश्न 

17. कोडरमा किस राज्य में स्थित है? यह किस खनिज से सम्बन्धित है? 

 उत्तर - कोडरमा झारखण्ड राज्य में स्थित है और अभ्रक के लिए जाना जाता है। 

18.  कौन-सा गैर-परंपरागत ऊर्जा स्त्रोत है? 

उत्तर - सौर ऊर्जा 

19. "मुम्बई हाई" प्रसिद्ध है... 

उत्तर - तेल-शोधक कारखाने के लिए  

20. झारखण्ड का कोडरमा अग्रणी उत्पादक है- 

उत्तर -अभ्रक का


 लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर


(ii) खनिज क्या है?


 उत्तर-उन प्राकृतिक साधनों को जो शैलों से प्राप्त होते हैं, खनिज कहलाते हैं। भू-वैज्ञानिकों के अनुसार खनिज एक प्राकृतिक रूप से विद्यमान तत्त्व है, जिसकी एक निश्चित संरचना होती है। प्रकृति में खनिज अनेक रूपों में पाए जाते हैं, जिसमें ठोस, कठोर एवं मुलायम चुना तक शामिल है।


प्रश्न. ऊर्जा के गैर-परंपरागत स्त्रोत किसे कहते हैं? भारत के सौर-ऊर्जा का भविष्य कैसा है? (2020 NX)


 उत्तर-गैर-परंपरागत ऊर्जा स्रोत, ऊर्जा के अक्षय-संसाधन हैं। इसका उपयोग परंपरागत ऊर्जा संसाधनों के विकल्प के रूप में नहीं वरन् पर्यावरण सन्तुलन के लिए महत्त्वपूर्ण है। सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, भूतापीय ऊर्जा तथा ज्वारीय ऊर्जा के उत्पादन से गैर-परंपरागत ऊर्जा को प्राप्त किया जा सकता है। भारत में सौर ऊर्जा एवं पवन ऊर्जा के विकास की सबसे अधिक संभावना है। पर्वतीय क्षेत्रों एवं तटीय क्षेत्रों में पवन ऊर्जा को विकसित किया गया है। सौर ऊर्जा का विकास देश के सभी भागों में किया जा रहा है। वास्तव में वर्तमान समय में ऊर्जा की बढ़ती माँग और पर्यावरण समस्याओं के समाधान के लिए ये ऊर्जा स्रोत अत्यन्त उपयोगी हैं।

प्रश्न. भारत में लौह अयस्क के उत्पादन पर संक्षेप में लिखिए। (2020 OB) 


उत्तर-भारत में लौह अयस्क का विशाल भण्डार है। मैग्नेटाइट सर्वोत्तम प्रकार का लौह अयस्क है जिसमें 70 प्रतिशत लोहांश पाया जाता है। हेमेटाइट सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण औद्योगिक अयस्क है जिसमें लोहांश 50 से 60 प्रतिशत तक पाया जाता है। भारत विश्व का लगभग 7.1% लौह अयस्क खनन कर प्रमुख लोहा उत्पादक देश है। इसका विश्व में लौह- उत्पादन में पांचवा स्थान है। भारत में लोहे के सुरक्षित भण्डारों का अनुमान 1760 करोड़ टन लगाया गया है। यहाँ झारखण्ड, छत्तीसगढ़, ओडिशा, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक तथा आन्ध्र प्रदेश राज्यों में लोहा निकाला जाता है। भारत में लगभग आधा लौह अयस्क निर्यात कर दिया जाता है। जापान इसका प्रमुख आयातक देश है।

 प्रश्न. धात्विक खनिज किसे कहते हैं? ऐसे दो खनिजों के नाम लिखिए। (2020 NY)


 उत्तर-धात्विक खनिज के अंतर्गत आने वाले खनिजों को खदानों से निकालकर साफ करते हैं जिससे उनमें विशेष प्रकार की चमक आ जाती है। इसमें सोना, चाँदी, ताँबा, जस्ता, लोहा और सीसा जैसे खनिज शामिल हैं।

 प्रश्न. ऊर्जा के परंपरागत स्त्रोत किसे कहते हैं? भारत में खनिज तेल के दो क्षेत्रों के नाम दीजिए। (2020 NY) 


उत्तर-पारंपरिक ऊर्जा स्रोत वे हैं जो लंबे समय से प्रयोग में हैं। ये प्रकृति में तय तथा सीमित मात्रा में उपलब्ध होते हैं। ये गैर नवीकरणीय होते हैं। ये मुख्य रूप से औद्योगिक तया व्यावसायिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए प्रयुक्त होते हैं। जीवाश्म ईंधन, उष्मीय शक्ति ऊर्जा, जल विद्युत ऊर्जा, बायोमास और पवन ऊर्जा परंपरागत ऊर्जा के स्रोत हैं। भारत में खनिज तेल के दो क्षेत्र हैं- (1) मुंबई हाई और (ii) कलोल।

 प्रश्न. खनिज संरक्षण की आवश्यकता पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। (2020 OD)


 उत्तर-वर्तमान औद्योगिक युग में विभित्र प्रकार के खनिजों का भारी प्रयोग किया जाने लगा है। खनिज निर्माण की भूगर्भिक प्रक्रियाएँ इतनी मंद हैं कि उनके वर्तमान उपयोग की तुलना में उनके पुनर्भरण की दर अत्यन्त मंद है। इसलिए खनिज संसाधन, सीमित तथा अनवीकरण योग्य हैं। समृद्ध खनिज निक्षेप संपत्ति देश की मूल्यवान संपत्ति हैं किन्तु ये अल्पजीवी हैं। अयस्कों के सतत उत्खनन की गुणवत्ता गहराई बढ़ने के साथ घटती  है ।

प्रश्न. आग्नेय तथा कायान्तरित चट्टानों में खनिजों का निर्माण कैसे होता है?


उत्तर-आग्नेय तथा कायान्तरित चट्टानों में खनिज प्रेशों, दरारों, विवरों और जोड़ों में पाए जाते हैं। खनिजों के छोटे जमाव शिराओं के रूप में तथा बृहत् जमाव परत के रूप में पाए जाते हैं। प्रायः खनिजों का निर्माण उस समय होता है जब ये तरल अथवा गैसीय अवस्था में दरारों के सहारे भूपृष्ठ की ओर बकेले जाते हैं। ऊपर आते हुए ये ठण्डे होकर जम जाते हैं। जस्ता, ताँबा, जिंक, सीसा आदि प्रमुख धात्विक खनिज इसी प्रकार शिराओं व जमाओं के रूप में प्राप्त होते हैं। 


हमें खनिजों के संरक्षण की क्यों आवश्यकता है? 


उत्तर-वर्तमान औद्योगिक युग में विभिन्न प्रकार के खनिजों का भारी प्रयोग किया जाने लगा है। खनिज निर्माण की भूगर्भिक प्रक्रियाएँ इतनी मंद हैं कि उनके वर्तमान उपभोग की तुलना में उनके पुनर्भरण की दर अत्यन्त मंद है। इसलिए खनिज संसाधन सीमित तथा अनवीकरण योग्य है। समृद्ध खनिज निक्षेप संपत्ति देश की मूल्यवान संपत्ति हैं किन्तु ये अल्पजीवी हैं। अयस्कों के सतत् उत्खनन की गुणवत्ता गहराई बढ़ने के साथ घटती जाती है। अतः खनिजों का संरक्षण करने की आवश्यकता है इसके लिए खनिजों का सुनियोजित एवं सतत् पोषणीय ढंग से प्रयोग करना चाहिए।

इस प्रश्न का उत्तर लगभग 120 शब्दों में दीजिए- 


प्रश्न.  भारत में कोयले के वितरण का वर्णन कीजिए।


 उत्तर- मानव के विकास में कोयले का विशेष महत्त्व है। कोयले के भारत में विस्तृत भंडार हैं। भारत में कोयला दो प्रमुख भूगर्भिक युगों के शैल क्रम में पाया जाता है। एक गोंडवाना जिसकी आयु 200 लाख वर्ष से कुछ अधिक है और दूसरा टरशियरी निक्षेप जो लगभग 65 लाख वर्ष पुराने हैं। गोंडवाना कोयले जो धातुशोधन कोयले हैं, के प्रमुख संसाधन दामोदर घाटी (प. बंगाल तथा झारखंड), झरिया, रानीगंज, बोकारो में स्थित है जो महत्त्वपूर्ण कोयला क्षेत्र हैं। गोदावरी, महानदी, सोन व वर्धा नदी-घाटियों में भी कोयते के जमाव पाए जाते हैं। टरशियरी कोयला क्षेत्र उत्तर-पूर्वी राज्यों- मेघालय, असम, अरुणाचल प्रदेश व नगालैंड में पाया जाता है। 1997-98 में भारत में 32 करोड़ टन कोयले का उत्पादन हुआ, जबकि 1951 ई. में केवल 3.29 करोड़ टन कोयले का उत्पादन हुआ था। भारत में उत्पादित होने वाले कोमले का दो-तिहाई से भी अधिक भाग बिजली पैदा करने के काम आता है।







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